Thursday 12 January 2023

हम

"एक इमोशनल वार्तालाप खुद से"

मैंने भारतीय व्यंजन का पता किया और परोसा .....

मैंने पूरा न्याय किया है.......भोजन उत्सवों के माध्यम से ...आसान नहीं था!!! लोगों ने दुत्कारा.... चिढ़ाया और फिर.... कुछ लोग मिले जो अपने लगे.. आशिर्वाद दिया और हौसला बढ़ाया !!

मैंने सिखा....किया....और परोसा!!

यह बोलने की बात नहीं की केवल मैंने किया... जी हां मेरे साथ स्वाभाविक हैं वह लोग भी रहे जिन्होंने मेरा साथ दिया। उनका शुक्रिया भी अदा किया हैं और करता रहूंगा.... ग़लती कर सिखना इन्सान की फितरत रहीं हैं।

हम बिहार से आते हैं... हमें बताया और सिखाया जाता है,... तू नहीं आप बोलों और हम समझते हैं । तू अनादर है ...आप में अपनापन है ... हम हैं!! और यह हम बचपन से जानते है हम जब बोलना सीखते हैं तभी यह बात टोक के बता दी जाती है कि तुम नही आप ... आप नहीं हम.....और यह खूबी हैं बिहार की और यह एक गर्व हैं जो किसी और बात में नहीं।

हिन्दी है तो हम है अंग्रेजी ने I/we/me दर्शाया हैं।

एक बात यहां यह लागूं होती है बिहारी में "हमरा बा" "हमार बा" means its u...




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